#Depression, #अवसाद

#Depression, #अवसाद

#i_love_lows
ज़िन्दगी अक्सर ही उतार चढ़ाव सी होती है। जिसे गणित और इंजीनियर साइन कर्व भी कहते हैं। साइन जितनी निरन्तरता या सम अवधि दुख सुख की हो ,ज़रूरी नही।
फकत सच इतना है कि हर उतार का एक लोवेस्ट पॉइंट भी होता है,जिसे गणित में मिनिमा कहते हैं, यहां से फिर आप उठान पर होते हैं। हर चढ़ाव का एक पीक होता है,जहां से फिर अवसान होगा। इस पीक(peak) को मैक्सिमा कहते हैं।

बाकी ज़िन्दगी पेंडुलम है , और T यानी एक चक्र की समयावधि बड़ी होगी या छोटी , ये निर्भर करेगा कि आप कितने सन्तोषी और अनुभवी हैं। बातें गणित से सिद्ध हैं, व्यवहार में भी अनुभूत हैं।
डिप्रेशन पर मैंने नही लिखा था,पर उस पर भी यह लागू होगा।
2 ब्रह्म वाक्य गांठ बांध लीजिये।

This too shall pass.

Nothing is permanent in this world, not even sorrows.

पढ़ाई से इंजीनियर , व्यवसाय से ब्यूरोक्रेट तथा फितरत से साहित्यकार हैं ‘ रणविजय’।

वर्दी वाले बहुत कुछ मैनेज कर सकते हैं, ख़ास कर जो चीज अवैध हो।

-रणविजय

( भोर: उसके हिस्से की )