एक कविता -अनिश्चय भरी मोहब्बत
मैं अकिंचन, मारा हूँ, तेरी द्रुत बदलती सम्वेदना का बहा हूँ भीषण प्रवाह में, कभी सूखी दरकती वसुंधरा सा सख्त, सर्द, निर्लिप्त बरफ सा जो परदा है एक स्पर्श और निमिष में, आइसक्रीम सा पिघला है निशा तक दर्प में उत्तुंग हिमालय की दीवार हो जाने किस प्रहर, पिघल फिर उमड़ते सागर का विस्तार हो […]
नए लोग, नए पेड़
आज चंडीगढ़ में घूमते हुए एक नए पेड़ के दर्शन हुए। वैसे तो बहुत तरह के पेड़ वनस्पतियों में जंगलों में मिलते हैं पर रिहायशी इलाके में आमतौर पर फलदार पेड़ ही मिलते हैं । बड़ा ताज्जुब हुआ कि यह कौन सा फल है और यह कौन सा फलदार पेड़ है? जितनी हमें उत्सुकता और […]
एक नई कहानी का पहला पैरा..
अमनदीप कौर कंप्यूटर साइंस बीटेक फर्स्ट ईयर, बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय की 17 लड़कियों में से एक थी। पर वह एक ही सबसे अलग थी। पंजाबियों जैसा गोरा दूधिया रंग और कसा भरा हुआ शरीर ,उसके ऊपर 17 वर्ष की अवस्था का जादू, ऐसे में उसकी क्लास के 23 लड़कों के लिए बहुत मुश्किल थी। […]
Decoding bytes of mind and replaying them..
Long time ago I watched a movie ”inception’ from Hollywood. I could not comprehend it. The fictional work showed to enter into one’s mind through dreams and plan their thoughts into his head. There were methods of getting into levels of dreams. Dreams into dreams. And more , there were dream designers, security providers in […]
गोपाल दास नीरज-अश्रुसिक्त श्रद्धांजलि
पद्मभूषण से सम्मानित गीतकार गोपालदास नीरज का गुरुवार शाम निधन हो गया। उन्हें महाकवि भी कहा जाता था। वे 93 वर्ष के थे। साहित्य और फिल्मों में गीत रचना के लिए उन्हें अगली शताब्दी तक याद रखा जाएगा। गीत रचना,साहित्य में आजकल वैसे भी कम है, पर जो भी है वो नीरज , केदार नाथ […]
तेरी बाहों में..
मजबूर हो ,तेरे होंठों की लाली चुरा ली मैने आज, गालों पर तेरे दांतों का हल्का निशान कर दिया। तुम शरमाई, सिमटी सी खड़ी रही, बाहें खोल कर मैंने सारा आसमान भर लिया।।
दर्द की उड़ान
मित्र अभय कुमार के सौजन्य से आज मेरी पुस्तक ‘दर्द माँजता है..’ भारत सरकार के गृह मंत्री श्री राज नाथ सिंह को उनके जन्म दिन पर भेंट की गई। शुक्रिया ऐ दोस्त मेरी ज़िन्दगी में आने के लिए, हर लम्हे को इतना खूबसूरत बनाने के लिए, तू है तो हर ख़ुशी पर मेरा नाम लिख […]
अब तो बरस जाओ
सावन में फुहार को तरस गए। मौसम इस बार सख्त माशूका की तरह कड़ा इम्तहान ले रहा है। अल्लाह खैर करे।
beginning my web today
Hi All, i extend warm welcome to u and invite you to visit my website. its first message from there. रणविजय