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Read More#Divide
#DivideI find friends,relatives, acquaintances getting divided deeply based on their leanings,likings of political persons,parties, religious fervour, castes in recent times. Though this phenomenon is observed on social media mostly but I am very sure it sits deep.Individual consciousness about politics , religion ,caste should be secondary in all times, but...
Read More#Depression, #अवसाद
#i_love_lowsज़िन्दगी अक्सर ही उतार चढ़ाव सी होती है। जिसे गणित और इंजीनियर साइन कर्व भी कहते हैं। साइन जितनी निरन्तरता या सम अवधि दुख सुख की हो ,ज़रूरी नही।फकत सच इतना है कि हर उतार का एक लोवेस्ट पॉइंट भी होता है,जिसे गणित में मिनिमा कहते हैं, यहां से फिर...
Read Moreसाल का अंत – अहर्निश थी मेरी वो-धन्यवाद नवोदयन दोस्तो,
तेरी विदाई अहर्निश थी मेरी वो, पर विदाई ज़रूरी थी, पीड़ा की गहराइयों से, अब रिहाई ज़रूरी थी। चेतना के हर पल क्षण में, सर्वव्याप्त रही वो, निशा में, तन्हाई में, ईश सी साक्षात रही वो, रीतियों, अनरीतियों, प्रतिष्ठा की जकड़न में, तुझको इस जन्म में हासिल न कर पाऊंगा पर अब इस दर्द के सागर से उतराई ज़रूरी थी। अहर्निश थी मेरी वो, पर विदाई ज़रूरी थी। तेरे आने की खबर से चिपकती आंखें मेरी द्वार पर झनझनाती रहती ज़मीं पैरों तले,खुशियां मेरी अपार पर दमक उठता हूँ स्पर्श मात्र से, उषा के सूर्योदय सा, तुझको जाना ही पड़ता है ज़िंदगी देकर हर बार, पर मरण की तेरी इस खुदाई के पार, दूसरी खुदाई ज़रूरी थी। अहर्निश थी मेरी वो, पर विदाई ज़रूरी थी। पीड़ा की गहराइयों से, अब रिहाई ज़रूरी थी। चन्द्रोदय से सूर्योदय तक, मुश्किल वक्त गुज़रता नर्म शय्या , शीतल कक्ष,फिर भी कांटो सा चुभता तेरे कथनों की गूंज अनुगूंज में नखशिख डूबा मैं तुम बन कर ,मन मे ही सवाल जवाब करता तेरे ख्यालों की जकड़न से अब जुदाई ज़रूरी थी। अहर्निश थी मेरी वो, पर विदाई ज़रूरी थी। तेरे रहने से होंठों पर सहज मुस्कान आते आकाश से भी ऊंचे ज़िंदगी के अरमान आते तेरे इनकार से भरभरा के गिर जाता है मेरा संसार क्यों अक्सर तुम एक अबूझ पहेली हो बन जाते चिर नींद के आगोश से, अब अंगड़ाई ज़रूरी थी अहर्निश थी मेरी वो, पर विदाई ज़रूरी थी। बिफरा था इस बार मैं तेरे फिर रूठने से मिन्नतों से मनाया, रिझाया फिर तुमने मुझे एक चक्र पूरा कर, फिर अबोला किया तुमने सीने में एक हूक उठी,...
Read MoreAn experience from Jhansi days
झांसी के कार्यकाल में मेरे विभाग का एक अन्य विभाग से बड़ा क्लोज asoociation रहता था। दोनों के बिना काम होना सम्भव न था। पर ये दूसरा विभाग थोड़ा सुस्त रहता था और अक्सर मेरी अनुपस्थिति में काम न होने की शिकायत मेरे विभाग पर ठेल देता था।उस विभाग का...
Read MorePerception changes
R 11 December at 23:09 · #नज़र_और_नज़रियाएक किस्सा सुनाता हूँ। फ़िल्म स्लमडॉग मिलियनेयर के ‘जय हो’ गीत के लिए गुलज़ार को ,रहमान को ऑस्कर मिला। फ़िल्म को भी किन्ही अन्य श्रेणियों में भी ऑस्कर मिला। ऑस्कर फिल्मी दुनिया का सर्वोच्च सम्मान है। अब मैं थोड़ा अलग से सोचता हूँ। क्या ‘जय...
Read MorePerceptions
#सर_जी_से_सर_का_सफर जनवरी 1987 में मैं पहली बार दाखिले के लिए शहर के पास स्कूल में गया। ये मेरे गांव से 35 किमी दूर था। मेरा पूरा गांव मुझे विदा करने आया था। उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि 10-11 साल के लड़के को उसके मा बाप किसी स्कूल में...
Read MorePant nagar days 1994-98
#पंतनगर_1994_1998हिमालय की तराई , नैनीताल के पांव को सहारा दिए बसा था पंत नगर। हल्द्वानी से 25 किमी और रुर्द्र पुर से 16 किमी। यही दो सबसे करीबी शहर या कस्बे थे। हरी भरी दरी की तरह बिछी कायनात में कवि ह्रदय रम सकता था। प्रेमी खो सकता था। पर...
Read Moreयमक अलंकार का उत्कृष्ट उदाहरण
कवि भूषण की कविता देखिये । एक वाक्य 2 अर्थ। यमक अलंकार। ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहन वारी,ऊंचे घोर मंदर के अंदर रहाती हैं।कंद मूल भोग करें कंद मूल भोग करेंतीन बेर खातीं, ते वे तीन बेर खाती हैं।भूषन शिथिल अंग भूषन शिथिल अंग,बिजन डुलातीं ते वे बिजन डुलाती...
Read MoreRepair of house hold things
#रिपेयरमेरे पैंट के पांयचे की सिलाई खुल गयी तो मैं दर्जी के पास गया, उसने सिरे से ही मना कर दिया कि रिपेयर का काम हम नही करते। केवल नया सिलते हैं , नुक्कड़ पर किसी गुमटी में देख लीजिए, वो कर देगा। मतलब यह था कि ये काम कोई...
Read MorePerformance Pressure
एक टफ मैनेजर था, प्रोडक्टिविटी ओरिएंटेड।उसने कुछ मुर्गियां पाली। ज़िन्दगी आराम से गुज़र रही थी, सात दिन में एक अंडा देना होता था। फिर उसने इसे घटा कर 6 दिन कर दिया। ज़िन्दगी में झोल आया ,पर एडजस्ट कर गए।मैनेजर ने कुछ दिन बाद टारगेट बढ़ा दिया। 5 दिन में...
Read Moreshark and you
I tell you this story . you will love it and when you absorb it , you know where you have to push yourself hard . I remember a story from my first book ” dard manjta hai “, .the story is ” mere bhagwan ‘, and how the course...
Read Moreनई किताब से
बेलहिया एक मझौले किस्म का गाॅंव था। पूरा मुकाम ,ग्राम बेलहिया: थाना मस्तानपुर, जिला फैजाबाद। नजदीकी डामर सड़क मार्ग से लगभग 2 किमी दूर था परन्तु उस तक खड़ंजे से पहुच गया था। अभी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रसार होना बाकी था, मगर कुछ सरकारी योजनाओं के फलीभूत आवागमन...
Read Moreनई किताब से
ठीक तीसरे दिन रात 9 बजे 011 कोड से एक अज्ञात नंबर से उसके मोबाइल पर फोन आया। उसका दिल धड़क गया और अनजाने ही लगने लगा कि ये उसी का फोन है। मधुर कोमल आवाज में चित्रा ने कहा –“मै हॅू ……………चित्रा।“ एकदम से कलेजे को ठंडक पड़ी। कल...
Read More#Knowledge makes u #humble
Do u know , When do u know deep? I remember , when one professor was bombarded with all kinds of doubt about insulation resistance. He patiently answered all to everybody’s satisfaction. People had this ambiguity in their minds for ages now . How does cable insulation behave on application...
Read Moreबनारस टाकीज पर एक टिप्पणी
मैंने सत्य व्यास के तीनो उपन्यास पढ़े। पहला यानि बनारस टाकीज़ तब पढ़ा था जब मैने किसी नए लेखक का नाम भी नहीं सुन रखा था। एक दिन जैन बुक डिपो दिल्ली गया था . क्योंकि मै खुद लिख रहा था तो मै जानना चाह रहा था की नए लेखक...
Read Moreपुराना अनुभव
ये भी किसी विज्ञान के नियम की तरह ही है। बात पुरानी, पर हर बार नई लगती है। जब भी कोई व्यक्ति नया काम शुरू करता है, तो एक समय तक उसे कोई घास नही देता। वह दिन रात फिक्र में घूमता है, पर काम नही मिलता जब तक कि...
Read Moreअनुपमा गांगुली का चौथा प्यार
कई दिनों से सोच रहा था कि जो किताब पढ़ो उसका रिव्यु भी लिखा करूँ। शुरुआत करता हूँ। आगे बाकियों का भी लिखूंगा। अनुपमा गांगुली का चौथा प्यार , 8 कहानियों का संग्रह है और अंत मे एक कई कहानियों की कहानी है, जो मैंने अभी नही पढ़ी। पर कहानियां...
Read MoreVibrancy on social media
I am member to many whatsapp and facebook groups and despite my busy shitty life, I peep in and observe conversation, trend , sitting at a distance. I invariably find that only those social media groups are vibrant, which have male -female interaction. This male-female interaction is little titillating, laced...
Read Moreहम और हमारी दुनिया
हम अपनी दुनिया खुद बुनते हैं।अगर हमने फेसबुक या व्हाट्सप्प पर एक ग्रुप और कुछ फॉलोवर बना लिए तो हमारे अटेंशन में केवल उन तक की बातें ही आती हैं। ये रियल लाइफ और वर्चुअल लाइफ फ्रेंड्स दोनों पर लागू है। फ़र्ज़ कीजिये, आप अचानक शेयर में ट्रेड करने लगे। और...
Read Moreभाषा , व्याकरण ,वर्तनी और साहित्य
अक्सर ही देखता हूँ कि लेखन और भाषा ज्ञान की एक सार्थक बहस चल रही है। कुछ लोग हमेशा भाषा सम्प्रेषण का माध्यम है, साहित्य वस्तु है जो सम्प्रेषित होनी है। भाषा वस्त्र है, साहित्य शरीर और आत्मा है।Creativity एक ईष्वर प्रदत्त उपहार है, जिसको एक्सप्रेस करने के लिए हम...
Read MoreMathematics vs humanities
Quadratic equation and linear equation were 2 very benign , innocent problems posed to a mathematics student at the level of Xth standard. He knew the trick and it was bound to yield accurate result. With the addition of logarithmic, binomial series, differential and integral calculus in XII standard ,...
Read Moreहिंदी में कहानी उपन्यास के विषयों पर विमर्श
स्त्री -पुरुष सम्बन्ध सदियों से कहानियों का प्रिय, प्रमुख विषय रहा है। प्रेम प्रधान, काम प्रधान, विषाद प्रधान या वियोग प्रधान, छल प्रधान या इनके फैले कैनवास में कहीं के भी रंग या इनकी मिलती काटती बाउंड्रीज के रंग अक्सर ही आपको मिलेंगे। जो भावनाओं, अनुभवों को पकड़ने वाला जितना...
Read MoreEducation in India
Education Education is getting so costly. Why are we not doing anything for this? Private institution brings lot of glamour , low salary to its teachers. And Government set up brings good salary but poor quality with itself. Government schools are not getting adequate students despite MDM , free uniform...
Read MoreMatter of oft experience
पुराना_अनुभव ये भी किसी विज्ञान के नियम की तरह ही है। बात पुरानी, पर हर बार नई लगती है। जब भी कोई व्यक्ति नया काम शुरू करता है, तो एक समय तक उसे कोई घास नही देता। वह दिन रात फिक्र में घूमता है, पर काम नही मिलता जब तक...
Read Moreकिताबों के पाठक
पाठकबनाम रसिक 100 रुपये से 200 रुपये किसी व्यक्ति के लिए आजकल नगण्य रकम हो गयी है। फ़िल्म देखने मे 500 रूपये खर्च हो जाते हैं। परंतु मैने देखा है कि किसी को यह कह दो कि मेरी किताब खरीद कर पढ़ लेना, तो आदमी हाँ कह कर भी नही...
Read MoreReading Habbits
पाठकबनाम रसिक 100 रुपये से 200 रुपये किसी व्यक्ति के लिए आजकल नगण्य रकम हो गयी है। फ़िल्म देखने मे 500 रूपये खर्च हो जाते हैं। परंतु मैने देखा है कि किसी को यह कह दो कि मेरी किताब खरीद कर पढ़ लेना, तो आदमी हाँ कह कर भी नही...
Read MorePostulates of social media
रणविजय के सोशल मीडिया के नियम: 1. सोशल मीडिया पर दिया हुआ आपका समय आपके खालीपन और पॉपुलैरिटी की चाहत के समानुपाती है 2. सोशल मीडिया की चम्बकत्व शक्ति का मान = ( कुल समय- निहायत ज़रूरी समय)x लाइक्स की चाहतx एक कांस्टेंट 3. सोशल मीडिया पर आपका अस्तित्व आपके...
Read Moreसापेक्षता सिद्धांत जीवन मे
सापेक्षता(Relativity) का सिद्धांत आइंस्टीन ने 20वीं सदी के पहले दशक में दिया था।गणित विज्ञान सब आकर जीवन के फलसफा पर भी फिट बैठते हैं। इसलिए बड़े वैज्ञानिक और गणितज्ञ दर्शनशास्त्री भी हुए । न्यूटन का नाम इसमें प्रमुखता से लिया जा सकता है। बहरहाल, जीवन की सापेक्षता की बात करते...
Read MorePolicy favours
Competition improves quality and price. Socialist conuntry must look at shrinking competitions in some businesses and money proliferation by these businessmen. # Having a PSU competitor in many sectors will be beneficial in long run for public at large. Privatisation will lead to cartelisation.
Read MoreNathu Ram Godse -new age hero
#गोडसे कल फेसबुक पर बहुत जगह गोडसे साहब की महिमा, विचारधारा पर चर्चा और बहस सुनी।कुछ लोगों ने उन्हें भारत को गांधी से आज़ाद कराने वाला बताया। कुछ ने इतिहासकारों को बिके हुए भांड, टुटपुँजिये , टुच्चे चरित्र बताया, या हमारी संस्कृति की विकृत दिखाने वाले पाश्चात्य इतिहासकार बताया। कुछ...
Read MoreDirection of Hindi Literature
All the developments over civilisations,countries and regions have a common trend and are cyclic in nature. Be it culture, music,art or literature. In nutshell , you can also see that essence of them remain same ,only form changes. I stick here to literature. Hindi literature is some 100 years behind...
Read MoreHappy New year-2019
वर्ष के आखिरी दिन हिसाब लगाने भर का भी वक्त नही है। ज़िन्दगी ने एकदम से 100 मीटर वाली दौड़ में स्प्रिंट करना शुरू कर दिया है और उसमें ज़रूरत से ज़्यादा हर्डल भी लगा दिए हैं नौसिखिए के लिए। बीता वक्त कुछ रूमानी, कुछ कड़वा अनुभवों भरा रहा। एक...
Read Moreमेरा गांव मेरा देश
इस बार गांवों में घूमते हुए , बढ़ते शहरीकरण ने परेशान किया। जो सबसे ज़्यादा दुखदायी था वो घने जंगलों और बागों का गायब होना या विरल होना। तालाबों का गायब होना। मेरा बचपन अपने, नानी के, और बुआओ इत्यादि के गांवों में कई कई दिन रह कर बीता।पढ़ाई ,...
Read Moreयही फैशन है..
गांवों की यही रवायत है। या तो ताश होगा या पंचायत। आजकल नया फैशन चौराहेबाज़ी का भी है। युवाओं को क्या चाहिए, एक कैनवास जूता जो रीबॉक या एडिडास का हो, एक रंगीन हुड वाली t शर्ट, एक जीन्स , एक मोटर साईकल और सवसे ज़रूरी एक और आवारा दोस्त।पुकार,...
Read Moreपुरानी गली से
कुछ गांव की धरती से। बुआ के बेटे की शादी में आया था। आलू की सेल्हियां,आंख निकलते पौधे, छोटा छोटा खोंट कर मीच कर तुरंत खा सकने वाला चना और उसका हल्का खट्टा और हर्राया सा स्वाद, खड़े -पड़े गन्ने के खेत, ईंटों के बने मकान बिना प्लास्टर, बिना किसी...
Read More‘Vanchit’ first story from my book ‘dard manjta hai’
वंचित ऐसा पहली बार नहीं हो रहा था, पिछले 2-4 बर्षो में यह रीतापन उसे बार बार महसूस होने लगा था । अशोका होटल के बार में एक कोने में 4 दोस्त आज फिर बैठे थे, अंधेरी रोशनी तथा धुएं से सुगन्धित माहौल में। बार की नियति में अंधेरें में...
Read MoreWill power
इच्छा मृत्यु का वरदान भीष्म पितामह को प्राप्त था। परंतु गौर से देखिए और थोड़ा extrapolate करिए तो ये सबको प्राप्त है। ये बात सच है कि अगर चित्त प्रसन्न न हो, तो देह में अन्न नही लगता। यदि किसी मकान में लोग न रहते हों , तो वो बड़ी...
Read MoreLife is all about adjusting
आज मुझे एक साहब ने बताया कि ओ हेनरी ने अपने जीवन मे सब से अच्छी कहानियां तब लिखीं, जब वे 5 साल जेल में थे। सर्जनात्मकता पीस ऑफ माइंड और एकांत मांगती है, तो क्या इसके लिए जेल ही जाना पड़ेगा। चलते फिरते बिचार आया। फिर हमने ही काट...
Read MoreMe too campaign
#Metoo*campaign वैसे तो मैं इस मुद्दे पर कुछ कहना नही चाह रहा था। काफी लोगों ने इसको अभिजात्य कह कर मखौल भी उड़ाया, कुछ अभी भी ,तब नही तो अब क्यों? कह कर हंसी कर रहे हैं। पर ये ऐसा क्यों कर रहे हैं? वायरल हो जाना ज़रूर भेड़ चाल...
Read Moreसाहित्य और पुस्तकों का भविष्य
कुछ दिनों पहले मैंने रेडियो में एक इंटरव्यू दिया था, जिसमे एक सवाल पूछा गया था कि इंटरनेट मोबाइल के युग मे साहित्य और पुस्तकों का भविष्य बचा ही कहां है। मैने पूर्ण आत्मविशास से कहा कि ये केवल ट्रांजीशन फेज है, ऐसा हमेशा रहेगा ये ज़रूरी नही। जिस तरह...
Read Moreअहर्निश थी मेरी वो लेकिन….
अहर्निश थी मेरी वो, पर विदाई ज़रूरी थी, पीड़ा की गहराइयों से, अब रिहाई ज़रूरी थी। चेतना के हर पल क्षण में, सर्वव्याप्त रही वो, निशा में, तन्हाई में, ईश सी साक्षात रही वो, रीतियों, अनरीतियों, प्रतिष्ठा की जकड़न में, तुझको इस जन्म में हासिल न कर पाऊंगा पर अब...
Read MoreIPC 497
#IPC497 What is significance of recent supreme court decision on abolition of IPC section 497? It’s being criticised for promoting adultery and disintegration of families? In essence, it is higher degree of liberation. It’s further extension of right of freedom and right of life. It gives freedom of using...
Read Moreएक कविता -अनिश्चय भरी मोहब्बत
मैं अकिंचन, मारा हूँ, तेरी द्रुत बदलती सम्वेदना का बहा हूँ भीषण प्रवाह में, कभी सूखी दरकती वसुंधरा सा सख्त, सर्द, निर्लिप्त बरफ सा जो परदा है एक स्पर्श और निमिष में, आइसक्रीम सा पिघला है निशा तक दर्प में उत्तुंग हिमालय की दीवार हो जाने किस प्रहर, पिघल फिर...
Read Moreनए लोग, नए पेड़
आज चंडीगढ़ में घूमते हुए एक नए पेड़ के दर्शन हुए। वैसे तो बहुत तरह के पेड़ वनस्पतियों में जंगलों में मिलते हैं पर रिहायशी इलाके में आमतौर पर फलदार पेड़ ही मिलते हैं । बड़ा ताज्जुब हुआ कि यह कौन सा फल है और यह कौन सा फलदार पेड़...
Read Moreएक नई कहानी का पहला पैरा..
अमनदीप कौर कंप्यूटर साइंस बीटेक फर्स्ट ईयर, बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय की 17 लड़कियों में से एक थी। पर वह एक ही सबसे अलग थी। पंजाबियों जैसा गोरा दूधिया रंग और कसा भरा हुआ शरीर ,उसके ऊपर 17 वर्ष की अवस्था का जादू, ऐसे में उसकी क्लास के 23 लड़कों...
Read MoreDecoding bytes of mind and replaying them..
Long time ago I watched a movie ”inception’ from Hollywood. I could not comprehend it. The fictional work showed to enter into one’s mind through dreams and plan their thoughts into his head. There were methods of getting into levels of dreams. Dreams into dreams. And more , there were...
Read Moreगोपाल दास नीरज-अश्रुसिक्त श्रद्धांजलि
पद्मभूषण से सम्मानित गीतकार गोपालदास नीरज का गुरुवार शाम निधन हो गया। उन्हें महाकवि भी कहा जाता था। वे 93 वर्ष के थे। साहित्य और फिल्मों में गीत रचना के लिए उन्हें अगली शताब्दी तक याद रखा जाएगा। गीत रचना,साहित्य में आजकल वैसे भी कम है, पर जो भी है...
Read Moreतेरी बाहों में..
मजबूर हो ,तेरे होंठों की लाली चुरा ली मैने आज, गालों पर तेरे दांतों का हल्का निशान कर दिया। तुम शरमाई, सिमटी सी खड़ी रही, बाहें खोल कर मैंने सारा आसमान भर लिया।।
Read Moreदर्द की उड़ान
मित्र अभय कुमार के सौजन्य से आज मेरी पुस्तक ‘दर्द माँजता है..’ भारत सरकार के गृह मंत्री श्री राज नाथ सिंह को उनके जन्म दिन पर भेंट की गई। शुक्रिया ऐ दोस्त मेरी ज़िन्दगी में आने के लिए, हर लम्हे को इतना खूबसूरत बनाने के लिए, तू है तो हर...
Read Moreअब तो बरस जाओ
सावन में फुहार को तरस गए। मौसम इस बार सख्त माशूका की तरह कड़ा इम्तहान ले रहा है। अल्लाह खैर करे।
Read Morebeginning my web today
Hi All, i extend warm welcome to u and invite you to visit my website. its first message from there. रणविजय
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