Education in India

Education Education is getting so costly. Why are we not doing anything for this? Private institution brings lot of glamour , low salary to its teachers. And Government set up brings good salary but poor quality with itself. Government schools are not getting adequate students despite MDM , free uniform etc . Infrastructure in these […]

Matter of oft experience

पुराना_अनुभव ये भी किसी विज्ञान के नियम की तरह ही है। बात पुरानी, पर हर बार नई लगती है। जब भी कोई व्यक्ति नया काम शुरू करता है, तो एक समय तक उसे कोई घास नही देता। वह दिन रात फिक्र में घूमता है, पर काम नही मिलता जब तक कि कोई उसे आज़माने का […]

किताबों के पाठक

पाठकबनाम रसिक 100 रुपये से 200 रुपये किसी व्यक्ति के लिए आजकल नगण्य रकम हो गयी है। फ़िल्म देखने मे 500 रूपये खर्च हो जाते हैं। परंतु मैने देखा है कि किसी को यह कह दो कि मेरी किताब खरीद कर पढ़ लेना, तो आदमी हाँ कह कर भी नही करता है। मेरी समझ से […]

Reading Habbits

पाठकबनाम रसिक 100 रुपये से 200 रुपये किसी व्यक्ति के लिए आजकल नगण्य रकम हो गयी है। फ़िल्म देखने मे 500 रूपये खर्च हो जाते हैं। परंतु मैने देखा है कि किसी को यह कह दो कि मेरी किताब खरीद कर पढ़ लेना, तो आदमी हाँ कह कर भी नही करता है। मेरी समझ से […]

Postulates of social media

रणविजय के सोशल मीडिया के नियम: 1. सोशल मीडिया पर दिया हुआ आपका समय आपके खालीपन और पॉपुलैरिटी की चाहत के समानुपाती है 2. सोशल मीडिया की चम्बकत्व शक्ति का मान = ( कुल समय- निहायत ज़रूरी समय)x लाइक्स की चाहतx एक कांस्टेंट 3. सोशल मीडिया पर आपका अस्तित्व आपके दूसरों को लाइक देने के […]

सापेक्षता सिद्धांत जीवन मे

सापेक्षता(Relativity) का सिद्धांत आइंस्टीन ने 20वीं सदी के पहले दशक में दिया था।गणित विज्ञान सब आकर जीवन के फलसफा पर भी फिट बैठते हैं। इसलिए बड़े वैज्ञानिक और गणितज्ञ दर्शनशास्त्री भी हुए । न्यूटन का नाम इसमें प्रमुखता से लिया जा सकता है। बहरहाल, जीवन की सापेक्षता की बात करते हैं। कुछ साधारण उदाहरण 1. […]

Policy favours

Competition improves quality and price. Socialist conuntry must look at shrinking competitions in some businesses and money proliferation by these businessmen. # Having a PSU competitor in many sectors will be beneficial in long run for public at large. Privatisation will lead to cartelisation.  

Nathu Ram Godse -new age hero

#गोडसे कल फेसबुक पर बहुत जगह गोडसे साहब की महिमा, विचारधारा पर चर्चा और बहस सुनी।कुछ लोगों ने उन्हें भारत को गांधी से आज़ाद कराने वाला बताया। कुछ ने इतिहासकारों को बिके हुए भांड, टुटपुँजिये , टुच्चे चरित्र बताया, या हमारी संस्कृति की विकृत दिखाने वाले पाश्चात्य इतिहासकार बताया। कुछ ने अब नया शुद्ध इतिहास […]

Direction of Hindi Literature

All the developments over civilisations,countries and regions have a common trend and are cyclic in nature. Be it culture, music,art or literature. In nutshell , you can also see that essence of them remain same ,only form changes. I stick here to literature. Hindi literature is some 100 years behind english literature. ‘Chhayavad’ comes here […]

Happy New year-2019

वर्ष के आखिरी दिन हिसाब लगाने भर का भी वक्त नही है। ज़िन्दगी ने एकदम से 100 मीटर वाली दौड़ में स्प्रिंट करना शुरू कर दिया है और उसमें ज़रूरत से ज़्यादा हर्डल भी लगा दिए हैं नौसिखिए के लिए। बीता वक्त कुछ रूमानी, कुछ कड़वा अनुभवों भरा रहा। एक सर्जनात्मक पुस्तक लिख पाना एक […]