अब तो बरस जाओ

अब तो बरस जाओ

सावन में फुहार को तरस गए। मौसम इस बार सख्त माशूका की तरह कड़ा इम्तहान ले रहा है। अल्लाह खैर करे।

पढ़ाई से इंजीनियर , व्यवसाय से ब्यूरोक्रेट तथा फितरत से साहित्यकार हैं ‘ रणविजय’।

वर्दी वाले बहुत कुछ मैनेज कर सकते हैं, ख़ास कर जो चीज अवैध हो।

-रणविजय

( भोर: उसके हिस्से की )